मामी ने दिया सेक्सी गिफ्ट दीवाली का (Diwali Par New Sex Style Choda Mami ko)

मेरा नाम Sunil है, और मैं आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूँ, जोने मेरी ज़िंदगी को बदल दिया। ये बात उस दीवाली की है, जब मैं अपने मामा के घर गया था। मैं चाहता था कि किसी दिन अपनी मामी Pooja से मिलूँ, और उस दिन मेरा सपना पूरा हो गया। Pooja मामी का फिगर खास नहीं था, मगर उनकी आँखों में वो चमक, उनके जिस्म की गर्मी, और उनकी चाल—सब कुछ ऐसा था कि मेरा लंड हर बार बेकाबू हो जाता। उनकी लंबी हाइट और 32 साल की उम्र में वो किसी जवान हसीना से कम नहीं लगती थीं। उनकी हँसी, उनका तीखा अंदाज़, और उनकी भारी चूचियाँ—मुझे रातों को नींद नहीं आने देती थीं।

Mami Diwali Gift

मैं मामा के घर पहुँचा। सबसे पहले मैंने मामा और मामी के पैर छुए। फिर बाथरूम गया और हाथ-मुँह धोया। जब मैं वापस आया, तो मामी ने मुझे चाय पिलाई। उनकी साड़ी का पल्लू थोड़ा खिसका था। मेरा ध्यान उनकी गहरी नाभि और पसीने से भीगे ब्लाउज़ पर गया। मैंने चाय पी, और फिर दीपक के साथ टीवी देखने बैठ गया। हमने खाना खाया और सोने चले गए।

मैं जब सुबह उठा, तो घड़ी में 9 बजे थे। मामा ऑफिस गए थे और मामी दीपक को स्कूल के लिए तैयार कर रही थीं। फिर दीपक की स्कूल बस आई और वो चला गया। घर में अब सिर्फ मैं और मामी थे। मामी दीवाली की तैयारियों में व्यस्त थीं, और मैं हॉल में टीवी देख रहा था। पर मेरा ध्यान सिर्फ मामी के सारी से बरस रहा था। उनकी साड़ी में झांकीं चमकती कमर, उनके भारी कूल्हे, और वो पसीने से चमकता चेहरा—मुझे पागल कर रहे थे।

“टीवी देखते-देखते मैं पानी पीने किचन में गया। वहाँ का नज़ारा देखकर मेरा लंड पैंट में उछलने लगा। मामी लड्डू बना रही थीं, और पसीने से तर-बतर थीं। उनका ब्लाउज़ आधा गीला था, और पसीने की बूंदें उनकी गर्दन से नीचे सरककर उनकी चूचियों की गहरी लकीर में समा रही थीं। वो फ्रिज़ के पास चिपककर बैठी थीं, और उनकी साड़ी का पल्लू खिसक गया था, जिससे उनकी गोल-मटोल नाभि और चिकनी कमर साफ़ दिख रही थी। मेरे मुँह में पानी आ गया, और लंड ने पैंट में तंबू बना लिया।

“मामी ने मेरे सामने आकर पूछा, ‘तेरे को क्या चाहिए, Sunil?’ और उनकी साँसें भारी

  • मैंने जल्दबाजी में कहा, “बस… मैं पानी पीने आया था, मामी।
  • मैंने थोड़ी दूरी से मामी को चिढ़ते देखा, और जब मैंने फ्रिज का दरवाज़ा खोला, तो उनके भारी कूल्हों से मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मैंने तुरंत पूछा, “मामी, कहीं लगी तो नहीं?”
  • मामी ने मस्ती भरे अंदाज़ में मुस्कुराकर सिर हिलाया, “कोई बात नहीं।”
  • मैंने जब मौका देखा, मैंने कहा, “मामी, क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूँ? आप
  • मामी ने हंसते हुए कहा, “ये काम तो औरतों का है। तू क्या करेगा? जा, टीवी देख।”

मैं वापस हॉल में चला गया था, लेकिन मेरा मन उसी सीन में अटक गया था। मामी के भीगे ब्लाउज़, चमकती कमर और पसीने की खुशबू ने मुझे परेशान किया था। थोड़ी देर बाद, मामी किचन से निकली, पसीना पोंछते हुए। उनकी साड़ी उनके भीगे शरीर से चिपकी थी, और उनके भारी चूचे ब्लाउज़ में उछल रहे थे। वो बेडरूम में गईं, गाउन लेकर बाथरूम चली गईं।

जब उन्होंने फ्रेश होकर गाउन में बाहर आने का फैसला किया, तो मैं बेहद प्रेरित रहा। उनका गाउन उनकी जाँघों तक लटक रहा था, और उनकी गोरी, चमकीली टाँगें मेरे मन को भावुक बना रही थीं। गाउन इतना टाइट था कि उनकी चूचियों का उभार और कूल्हों का आकार स्पष्ट था। मामी ने कहा, “Sunil, तू भी फ्रेश हो जा। मैं चाय बनाती हूँ।”

मैंने बाथरूम जाने के बाद वहां पर मामी की साड़ी और पसीने से गीला ब्लाउज़ मिला। मैंने दरवाज़ा बंद करके ब्लाउज़ को हाथ में लिया। ब्लाउज़ की महक सूँघने से मेरा 6 इंच का लंड सख्त हो गया। उसकी मांसपेशियों की गर्मी और पसीने की गंध ने मुझे जुनूनी बना दिया। मैंने ब्लाउज़ को बार-बार सूँघा, जिससे मेरा लंड इतना तन गया कि मुझे मुठ मारनी पड़ी। मैंने आँखें बंद की और मामी के नंगे जिस्म की कल्पना की- उनकी गोरी चूचियाँ, उनकी गीली चूत, और वो भारी कूल्हे। मेरा वीर्य पैंट में ही छूट गया।

जब मैं निकला, तो मामी सोफे पर बैठकर चाय पी रही थीं। मैं उनके पास बैठ गया। मामी ने मुझसे हंसते हुए कहा, “तुम इतनी देर नहा रहे थे क्या? कहाँ र

मैंने आफतें मचाते हुए कहा, “नहीं मामी, बस ऐसे ही।”

हम चाय पीते हुए बातें करने लगे। मैसी की हँसी, उनकी नटखट आँखें, और गाउन में उभरती उनकी चूचियाँ—मुझे और बेकरार कर रही थीं। बातों-बातों में 4 बज गए, और दीपक स्कूल से आ गया। मैं और दीपक घूमने निकल गए।

‘हम शाम को वापस आए तो मामा घर पर पहुंच चुके थे। हमने टीवी देखा, रात का खाना खाया और सोने की तैयारी की। लेकिन रात के 12 बजे मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरा दिमाग़ बार-बार मामी के गीले ब्लाउज़, उनकी गोरी जाँघों और उस पसीने की खुशबू से भरा था। मैंने फैसला किया कि मैं अब मामी को गर्म करके चोदना ही है।

मैंने अपना मिशन अगले दिन से शुरू किया। मैंने किचन में मामी की मदद करना शुरू किया। कभी-कभी मैंने उनका हाथ छू लिया, कभी उनकी कमर पर हल्का सा हाथ रख दिया। मैंने उनके भारी कूल्हों को जानबूझकर रगड़ दी। मामी कुछ नहीं बोलीं, बस कभी-कभी नटखट अंदाज़ में मुस्कुरा दी। दो दिन ऐसे ही बीते, मगर मुझे लगा कि सिर्फ़ छूने से काम नहीं चलेगा। मुझे कुछ बड़ा रिस्क लेना होगा।

एक दिन मैंने देखा कि मामी टीवी (Tv) देख रही थीं। मैंने उनके पास जाकर मजाक में पूछा, “मामी, मेरा दीवाली का गिफ्ट कहा है?

  • मामी ने अपनी खूबसूरत मुस्कान के साथ पूछा, “बता, तुझे क्या चाहिए
  • मैंने खुशमिज़ाजी से कहा, “मुझे आपसे एक किसे चाहिए।”
  • मम्मी ने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा, “क्या बस इतनी सी बात?” और आचानक मेरे गाल पर एक चटाक से Kiss दे दी।
  • मैंने मुँह बनाकर कहा, “मामी, ये क्या है? ये Kiss-Kiss का है? अब मैं बड़ा हो गया हू
  • मामी ने आँखें बरसाते हुए पूछा, “ठीक है, तो तुझे बच्चों जैसा किस
  • मैंने मुस्कुराते हुए कहा, “मामी, आपको आता नहीं? मैं आपको सिखा
  • मामी ने मस्ती भरे अंदाज में सिर हिलाकर हाँ किया

“बस, मुझे अब और क्या चाहिए था। मैंने झट से मामी के रसीले होंठों को अपने होंठों में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। उनके होंठ शहद की तरह मीठे थे, और उनकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर टकरा रही थीं। मैंने धीरे से उनका एक भारी चूचा हल्के से दबाया। मामी ने मुझे झटका देकर कहा, “तूने क्या किया? तूने तो सिर्फ़ किस माँगा था!”

मैंने बेगूनाही से कहा, “माफ़ कीजिए, गलती हो गई।” फिर मैंने उनके होंठों के पास अपने होंठ ले गए। फिर मामी ने मुझे खींचा और गहरे चुम्बन में डूब गईं। उनकी जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी, और वो मेरे होंठों को चूस रही थीं जैसे कोई भूखी शेरनी।

मेरी लंड पैंट में फंदा था। मैंने सोचा, यह सही मौका है। उस वक्त लोहा गरम था, इसलिए मैंने मामी को सोफे पर लेटा दिया। मामी ने हँसकर कहा, “अभी तो पूरा दिन बाकी है।” वो मुझे पकड़कर बेडरूम में ले गईं।

  • मैंने आश्चर्य से पूछा, “मामी, आप क्या कर रही हैं?”
  • मामी ने खिल्ली अंदाज़ से कहा, “मैं तुम्हें अपने पसीने से नहलाऊ
  • मैंने जल्दबाजी में कहा, “क्या?”
  • मेरी चाची ने मेरे पास आकर मेरे सीने से लगकर कहा, “तू उस दिन मेरा ब्लाउज सूंघ रहा था और मस्ती कर रहा था। लगता है, मुझसे छुपाया था?”
  • मैं हैरान हो गया। मैंने धरा पूछा, “मामी, तुम्हें कैसे पता?”
  • मेरी चाची मेरे कान के पास आकर मेरे साथ बात करने लगीं, “अरे, मैं तेरी चाची हूँ। सब समझती हूँ। आज मैं सिर्फ़ तेरी हूँ। ये चाची-भतीजे का रिश्ता भूल जा। मुझे अपनी रंडी समझ और जी भरकर चोद।”

मैंने उनके वाहियात शब्द सुनकर बोरा हो गया था। मैंने उन्हें जोर से पकड़ लिया और बिस्तर पर पटक दिया। उनकी साड़ी को मैंने जोर से खींचकर उतार दिया। उनका ब्लाउज उनके भारी स्तनों को खोलने में परेशानी छिपाता था। मैंने ब्लाउज के बटन तोड़ दिए और उनकी काली ब्रा में बंद स्तनें बाहर निकल आईं। उनके स्तन गोरे थे और उनके गुलाबी निप्पल सख्त हो गए थे। मैंने एक निप्पल मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, मानो कोई बच्चा दूध पी रहा हो। दूसरा स्तन मैंने इतनी जोर से दबाया कि उनकी चीख निकल गई—”आह… Sunil… धीरे… उफ़… तू तो पागल है!”

मैंने उनकी ब्रा की तोर दी और उनके चूचों को चूसने लगा। उनके चूचे इतने नरम थे कि मेरे मुँह में समा नहीं रहे थे। मैंने उनके निप्पल्स को चाटा, और फिर ज़ोर से चूसा। मामी की सिसकारियाँ गूँज रही थीं— “उह्ह… आह्ह… तूने तो आग लगा दी… चूस और ज़ोर से!” वो मेरे बालों को खींच रही थीं, और उनका जिस्म गर्मी से तप रहा था।

मैंने उसकी साड़ी बिलकुल उतार दी और उसकी पैंटी को नीचे की और खींच लिया। उसकी योनि पूरी गीली थी और उसकी महक मेरे होश उड़ा रही थी। मैंने उसकी योनि पर मुँह रखा और जीभ से चाटना शुरू कर दिया। उसकी योनि का स्वाद नमकीन और मधुर था। मैंने उसकी योनि की फाँकों को चूसा, और उसकी थाई को जीभ से रगड़ा। वह बेहोश हो गईं— “आह्ह… ये क्या कर रहा है… उफ्फ… मेरी योनि को खा जाएगा क्या?” वह अपनी कमर उछाल रही थी, और उसकी योनि से रस टपक रहा था।

“मैंने उसकी चूत में दो उंगलियाँ डाली और ज़ोर-ज़ोर से अंदर-बाहर करने लगा। उसकी चीखें निकल रही थीं — “उह्ह… आह्ह… Sunil… और तेज़… मेरी चूत को फाड़ दे!” मैंने उनकी चूत को उंगलियों से चोदा और उनकी भगनासा को चूसता रहा। थोड़ी देर बाद वो झड़ गईं, और उनकी चूत का रस मेरे मुँह पर छलक गया। मैंने सारा रस चाट लिया।”

मैं उस जवान और सेक्सी महिला को डेढ़ घंटे से चोद रहा थाऔर उसकी आँखों में अभी भी आग थी। वह मुझे बेड पर खींच लिया और मेरी निक्कर उतार दी। मेरा 6 इंच का लिंग लोहे की तरह खड़ा था। उसने मेरा लिंग पकड़ लिया और हिलाने लगी। फिर उसने उसे अपने रसीले होंठों में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसते हुए कहा, “तुम रंडी भी नहीं हो सकती, लेकिन तुमसे ज़्यादा मज़ा तो ले सकता हूँ।”

मेरी चाची ने मेरे शिश्न को एक झीली चूसकर गीला कर दिया। जब मैं उसमें शीघ्रपतन करने वाला था, तो उन्होंने मुझसे शिश्न बाहर निकाला और पूरा वीर्य उनके स्तनों पर छोड़ दिया। मेरा गर्म वीर्य उनके गोरे स्तनों पर मोतियों की तरह चमक रहा था। वे अपने स्तनों पर मेरा वीर्य मलने लगीं, और इस दृश्य को देखकर मेरा लंड फिर से तन गया।

हमने थोड़ी देर तक बिस्तर पर लेटे रहे, साँसें सामान्य करने का प्रयास किया। लेकिन मामी की भूख अभी भी बाकी थी। उन्होंने मेरी छाती पर हाथ फिराना शुरू किया और मेरे शिश्न को फिर से मसलने लगीं। मेरा शिश्न फिर से तन गया। मैंने मामी की टांगें फैला दी और उनकी गीली योनि पर अपना सुपाड़ा रगड़ा। मामी सिसकारी भरने लगीं— “उह्ह… Sunil… अब और मत तड़पा… डाल दे अपना लंड!”

मैंने उनकी योनि के मुँह पर शिश्न रखा और एक मजबूत धक्का दिया। मेरा आधा शिश्न उनकी योनि में चला गया। उनकी चीख निकल गई— “आह्ह… धीरे… तेरा शिश्न तो मेरी योनि को फाड़ देगा!” मैंने धीरे-धीरे धक्के देने शुरू किए, और हर धक्के के साथ मेरा शिश्न उनकी योनि की गहराइयों में उतरता गया। उनकी योनि इतनी गर्म और टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में मज़े ले रहा था।

मैंने चुंगेली की तेज़ी बढ़ा दी। मौसी की सीने हर चुंगेले के साथ उछल रही थीं। मैंने उनके सीनों को ज़ोर-ज़ोर से दबाया और उनके निप्पल्स को चूसा। Mosi चीख रही थीं—”आह्ह… Sunil… और ज़ोर से… चोद मुझे… फाड़ दे मेरी चूत!” मैंने उनकी टाॅंगें अपने कंधों पर रखीं और ज़ोर-ज़ोर से चुंगेली मारने लगा। उनकी चूत से पुच-पुच की आवाज़ें आ रही थीं, और उनका रस मेरे लंड को और गीला कर रहा था।

“मैंने मामी को घोड़ी बनाया और फिर पीछे से उनकी चूत में लंड (land) डाल दिया। उनके कूल्हों को मेरे हर धक्के पर थरथरा रहा था। फिर मैंने उनकी कूल्हों पर थप्पड़ मारे और मामी जोर से चिलाने लगीं—”हाय भगवान…तू तो पूरी तरह से बेवकूफ है!” मैंने उनकी चूत को इतनी ज़ोर से चोदा कि वो दो बार झड़ जुकीं। उनकी चूत (Chut) का रस मेरे लंड पर चिपक गया, और कमरे में उनकी चीखें भर गईं।”

जब मेरा झड़ने का समय आया तो मैंने मामी से पूछा, “कहाँ जाऊं?”

“मामी ने बदमिज्ज़ी के साथ कहा, “अंदर डाल दे, मेरी चूत को अपने सेमन से भर दे!”
“मैंने बहुत जोर-जोर से धक्के मारे और उनकी चूत में अपनी पिचकारियाँ छोड़ दीं। मेरा गरम वीर्य उनकी चूत से बहकर बेड पर टपकने लगा। फिर मैं हाँफते हुए उनके पास लेट गया। उन्होंने मेरे सीने पर सिर रखकर लेट गईं और हमारी साँसें एक-दूसरे से मिली थीं

कुछ समय बाद, मामी उठीं और अपने कपड़े पहन लिए, क्योंकि दीपक का आने का समय हो गया था। मैंने मामी का हाथ पकड़ा, उन्हें अपनी दिशा में खींचा, और उनके नरम होंठों पर गहरा चुम्मा दिया। मैंने कहा, “मामी, ये दीवाली का गिफ्ट मैं ज़िंदगी भर नहीं भूलूँगा

मामी ने बदमाशी भरे अंदाज़ में कहा, “अरे, अभी तो दो दिन बाकी हैं। और और मज़े करेंगे।”

आने वाले दो दिनों में, हमने जी भरकर सेक्स किया। हर मौके पर, मैंने मामी की योनि को अपने लिंग से रगड़ा, जिससे वो मेरे लिंग को अपनी योनि में लेने के लिए बेताब रही थीं। फिर मैं अपने घर लौट गया, लेकिन दीवाली उनके दिल और योनि में हमेशा के लिए बस गई।

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